हर हर महादेव
आप सभी को मेरी तरफ से नमस्ते दोस्तों मुझे आर्टिकल लिखने में थोड़ी देरी हो जाती है क्योंकि मैं किसी काम मे व्यस्त हो जाता हूं इस कारण से मैं आर्टिकल थोड़ी देर से लिख पाता हूं आपको जो असुविधा हो रही है उसके लिए मुझे खेद है
आज हम बात करेंगे पलक और वायर के बारे में
आप सभी ने देखा होगा की वायर कितने प्रकार की होती है किस तरह की होती है बहुत सी वायर कॉपर और सिल्वर में ही होती चाहे वह कितनी भी मोटी हो या पतली हो हल वायर का एक साइज होता है जो फैक्ट्रियों में लगी हुई है 722, 720, 718, 724 यह सभी वायर फैक्ट्री में लगी होती है घरों में ऑफिस में मॉल में और फैक्ट्रियों में इस तरह की वायर होती है जैसे 4mm की,6mm की,1.5mm की,2.5mm की इन सभी वायर में कॉपर के तार होती है। और कुछ सिल्वर की सबसे बढ़िया कॉपर के तार को बेहतर सुचालक माना जाता है। क्योंकि यह अधिक टाइम तक चलता है और गर्म नहीं होता है। और सिल्वर की बात करें तो वह बहुत जल्दी गर्म हो जाता है और टूटता भी है यह सब कमी कॉपर की वायर में नहीं होता क्योंकि कॉपर से बनी होती है उसको जितना भी ऐड हो जितना भी घूम आओ वह मुश्किल से टूटता है एक दो बार घुमाने से नहीं टूटता कम से कम तीन चार बार या पांच बार घुमाने से ही टूटता है इसलिए अधिकतर घरों में या फैक्ट्रियों में ऑफिसों में मॉल में कॉपर के तार ही लगी होती है जहां यह बनाई जाती है वहां पर कॉपर खूब पिघलाया कर एक एक ऐसा अलग किया जाता है। जैसे कि धागा की तरह अलग किया जाता है फिर उसके बाद एक एक तार को 1.5mm में 12 से 15 तार के रेशे को इकट्ठा कर कर उस पर एक प्लास्टिक की कवर चलाई जाती है। जिससे कि करंट पास होते टाइम हमें छूने पर झटका ना लगे और वह प्लास्टिक के अंदर से ही करंट पास होता रहे इसीलिए कॉपर के तार करंट के लिए सुचालक होती है। तारों की कंपनी वालों ने बहुत-2 अच्छा तार बनाते हैं और साथ ही ऐड भी लगाते हैं या कह लो ऐड कर करवाते हैं। मुझे आशा है कि आप तारों के बारे में अच्छे से समझ गए होंगे और इसकी विशेषता भी जान गए होंगे।
अब आइए हम पलक के बारे में बात करते हैं
पलक ! पलक कितने प्रकार के होती है अगर सही सही माना जाए तो पलक दो ही प्रकार के होते हैं नहीं तो कंपनी वाले कितने प्रकार के भी बना सकते हैं जो दो हैं पहला 3 पिन प्लग दूसरा टू पिन प्लग और सभी पलक की विशेषता कुछ डिफरेंट होती है यानी कुछ अलग होती है आइए हम पलक की और गहराई में जानने की कोशिश करें पलक पीतल के ब्रास से बनता है और उस पर प्लास्टिक की कब्र चढ़ाई जाती है मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि तांबे का ब्रास या तांबे को पिघलाकर ब्रास बनाई जाती है छोटी छोटी जो सॉकेट के अंदर घुस सके उसके बाद उस ब्रास को रखने का एक आकार दिया जाता है प्लास्टिक में फिर उस उस के ढांचे को पलक के हिसाब से ही बनाया जाता है आप सभी ने देखा होगा कई तरह के पलक मैं कट लगे होते हैं और कई में तो कट नहीं होते तांबे के ब्रास को एक अच्छा सुचालक माना जाता है और इसमें कम स्पार्क होता है जब यह गरम होता है तो पलक के ब्रास ब्रास फैलने लगता है फैलते फैलते इतना फैल जाता है की जिसमें कट ना लगा हो उस सॉकेट के साथ लॉक या चिपक जाता है और जिस में कट ना लगा होता है वह कम फैलता है जब पलक में कभी स्पार्क या गरम होता है कट वाला पलक है तो फैलने लगता है।
जिसमें कट होता है वह फैलता रहता है सॉकेट के साथ नहीं चिपकता है इतनी सारी गतिविधि पलक के साथ होती रहती है या बोर्ड के साथ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ होती रहती है हमें आशा है आप सभी को यह आर्टिकल बहुत अच्छा लगा होगा अच्छा लगा है तो हमें मैसेज करें या कमेंट में लिख कर अपनी आवाज पहुंचाएं मैं आप सभी का तहे दिल से अभिनंदन करता हूं
धन्यवाद
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