ओम नमः शिवाय
सबसे पहले मेरी तरफ से आप सभी को नमस्ते आज हम बात करेंगे हाउस वायरिंग के बारे में हाउस वायरिंग कितने प्रकार की होती है और कौन-कौन सी होती है उसमें तारे कौन सी डालते हैं किस कलर की डालते हैं इनकी विशेषता क्या है
हाउस वायरिंग या हाउस फिटिंग फैक्ट्रियों में या घरों में होती है
भारत के अंदर या बाहर विदेशों में सभी देशों में एक ही तरह से फिटिंग होती है वह चाहे अलग-अलग फिटिंग हो या कनेक्शन कैसा भी हो या तारे कैसे भी हो घर बनाते टाइम कंपनी या फैक्ट्री बनाते टाइम या कोई भी चीज करंट से जुड़ी हुई है उसको चलाने के लिए घरों के दीवाल में फिटिंग करनी होती है यह फिटिंग 3 तरीके से होती है पहला तो चुनाई हो जाने के बाद यानी ईट सीमेंट की दीवाल बनने के बाद उसके ऊपर का लेंटर ढलाई होने से पहले सेलिंग में पाइप बिछाए जाता है चारों तरफ से जहां-जहां आपको पॉइंट चाहिए बीच में पंखा रहता है पंखा रखना चाहते हैं और झूमर के लिए भी पॉइंट छोड़ा जाता है जब फॉर सेलिंग 15 दिन के बाद खुलती है तो उस फॉर सीलिंग के पाइप के सहारे दीवारों में धीरे काटकर पाइप लगाई जाती है इस तरह से लगाई जाती है कि वह हिल ना सके फिर उसके बाद बॉक्स भी लगाया जाता है इसी तरह सब कमरों की फिटिंग की जाती है पाइप लगा लगा कर और उसके बाद प्लस की जाती है प्लास्टर करने के बाद अब बारी आती है तार की जो पाइपों के अंदर डाला जाता है सबसे पहले सब समान लाते हैं और स्टील वायर के द्वारा तारों को इकट्ठा करके जिनमें कलर होते हैं लाल काला हरा घरों में यह तीनों कलर चलते हैं मेन मीटर से ताल के सिरोक्को बांधकर स्टील वायर को वाइपो के अंदर डाला जाता है और स्टील वायर लास्ट सिरोको तारों से बांध दिया जाता है।
फिर उसके बाद स्टील वायर को पाइपों के अंदर से आगे की तरफ धकेला जाता है एक सिरे से दूसरे सिरे पहुंचने में थोड़ा समय लगता है जब वह दूसरे सिरे पर पहुंच जाता है तो उस स्टील वायर को खींच लिया जाता है इस तरह से मेन पॉइंट की फिटिंग होती है इसी तरह से हर घरों में यह तीनों तार कंपलसरी है घरों में जितनी पॉइंटे हैं उन सभी के पॉइंट को गिन कर उसके हिसाब से डाला जाता है हरा तार का मतलब होता है अर्थिंग काला रंग के तार का मतलब होता है नूतन यानी ठंडा करंट और लाल रंग तार का मतलब होता है फेस यानी गरम करंट एसी करंट यही गरम तार होता है जो एसी करंट होता है इन तीन तारे सभी घर घरों में देखने को मिल जाएगा हॉट, कमरे, बाथरूम, किचन, बालकोनी, ब्रांडा, मेन गेट, ये सभी की फिटिंग अलग-अलग प्रकार से होती है सब कमरों से जितनी पॉइंटे हैं उतनी ही तारे लेनी पड़ती है तभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और सभी वार्डों में पहुंचती है उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एक्टिव होता है यानी काम करने लगता है सभी कमरों में तारे डालने के बाद अब उन घरों कार डेकोरेशन, पेंट यह सभी काम हो जाने के बाद हम तारों को चेक करते हैं सब कुछ ठीक रहा तो बोर्ड पर सीटें लगाना शुरू कर देते हैं सबसे पहले हम सीटों पर सुच लगाएंगे सॉकेट लगाएंगे और उसको चेक करेंगे चेक करने के बाद उन सीटों को फिट कर देंगे चाहे मॉडलर हो या नॉर्मल यह सभी ठीक रहा तो पंखे रेगुलेटर आयरन मोबाइल चार्जिंग लगाने पर शुरू हो जाता है अगर यह एसी करंट नहीं होता तो कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस काम नहीं करता सब धरी की धरी रह जाती और ट्यूबलाइट, ब्लॉक, फ्रिज, मिक्सर, वाशिंग मशीन, अपनी सब जगह जगह पर काम करते हैं और एसी करंट का फुल आनंद उठाएंगे। उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का हम आनंद उठाते हैं दुनिया में इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का सभी इस्तेमाल करते हैं भरपूर आनंद उठाते हैं इसके बिना हम अपना समय नहीं बचा सकते और कोई भी आसानी से काम नहीं कर सकते क्योंकि यह हमारे दैनिक जीवन में हमारी एक जरूरत बन गई है या कह लीजिए कि आदत बन गई है जरा सोचिए कि यह नहीं होते तो हम क्या होते कभी भी आधुनिक जीवन को नहीं समझ पाते और डिजिटल इंडिया नेट बैंकिंग नेट ब्लॉगर एक्सेल एक्सेल विंडो प्रोसेसर यह सब ही नहीं कभी जान पाते हम धन्यवाद करते हैं आधुनिक जीवन का जिसे हमें आगे बढ़ने की राह दिखाई। यह थी आपकी हाउस वायरिंग यानी हाउस फिटिंग। अगर अगर आपको अच्छा लगा हो तो अपनी राय बताइएगा आपके प्यार के लिए और आपके सहयोग के लिए बहुत-बहुत जय हिंद जय भारत
धन्यवाद
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